तितली
जीवन में कई रंग.……………
Friday, September 16, 2011
माँ
माँ याद हँ हमें , कुछ नही भूले !
बचपन का अहसास हँ हमे !!
खोले थे जब नैन ये हमने ,
हँ माँ, याद हँ हमें , कुछ नही भूले !
जीवन तो हमको तुमसे ही मिला हँ ,
मेरे लिए तुमने दर्द सहे हँ ,
देकर हमको प्यार के खजाने ,
अपने सपने को हम पर वारे ,
मेरी खुशियों कि खातिर तुमने ,
अपने खुशियों को भी भूले तुमने ,
हँ माँ , याद हँ हमे , कुछ नही भूले !
प्यार खुदा हँ , खुदा हो मेरी ,
ममता का जलता दीपशिखा हो ,
रोशन करके मेरी दुनिया को ,
ख़ुद को तुमने जलया है ,
जब जब मै गुजरी हूँ दर्द में ,
मुझको गले लगाया हँ तुमने,
लेके दर्द मेरे सीने का ,
अपने सीने में छुपाया हँ ,
कदम पड़े जब मेरे दुनिया में ,
माँ तेरा ही तो सहारा मिला था हमे ,
दुनिया की भीड़ से हमे बचाया हँ तुमने ,
हँ माँ , याद हँ हमे , कुछ नही भूले !
पथरीली राहो पर चलना ,
तुमने ही तो सिखाया हँ हमको ,
जीवन में बस आगे बढना ,
ये सार हमे बताया तुमने ,
जुगुनू बनकर राहों को मेरी ,
मार्ग मुझे भी दिखाया हँ तुमने ,
हँ माँ ,याद हँ हमे , कुछ नही भूले !
डरी कभी भी जब मै भय में ,
अपने आँचल में छुपाया हँ ,
नैन के अपने काजल से ,
बुरी नजर से , तुमने ही हमे बचाया हँ ,
आंसमां में बिना पंखो के तुमने ,
उड़ना हमे सिखाया हँ ,
मेरे सपनो की खातिर तुमने ,
त्याग किये हँ कितने माँ ,
परम्पराओ से घिरकर भी तुमने ,
होसलों को मेरे बढाया हँ ,
कदम कदम पर साथ निभाकर तुमने ,
मान को मेरे बढाया हँ ,
हँ माँ ,याद हँ हमे , कुछ नही भूले !
आज मुझे जो पहचान मिली हँ ,
सपनो को मेरे जो जान मिली हँ ,
तेरे ही तो कारण हँ माँ,
जब भी जीवन में आगे पाऊ ,
तेरा साथ उम्र भर पाऊ ,
हँ माँ ,याद हँ हमे , और याद रहेगा हमको ,
जीवन भर तेरा साथ रहेगा हमको ,
हँ माँ , याद हँ , हमें कुछ नही भूले !
बचपन का अहसास हँ हमको ,
हँ माँ , याद हँ हमे , कुछ नही भूले !!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment