सूने सूने कितने मेरे ये ख्वाब हैं
तेरे बिना कितने अधूरे हम आज हैं
ना कोई रूप है ना कोई रंग है
हवाओ में बहती तेरी ही सुगंध है
सायाऐ की तरह चलता कोई साथ है
कितने तनहा तनहा से रहते हम आज हैं
महफ़िलों में जाते ना हम आज कल हैं राहों पे तेरी रखते अब नज़र हैं बातों में मेरी अब तेरी ही आस है
आँखों में मेरे बस तेरी ही प्यास है
सूने सूने कितने मेरे ये ख्वाब हैं
तेरे बिना कितने अधूरे हम आज हैं
तेरे बिना कितने अधूरे हम आज हैं
ना कोई रूप है ना कोई रंग है
हवाओ में बहती तेरी ही सुगंध है
सायाऐ की तरह चलता कोई साथ है
कितने तनहा तनहा से रहते हम आज हैं
महफ़िलों में जाते ना हम आज कल हैं राहों पे तेरी रखते अब नज़र हैं बातों में मेरी अब तेरी ही आस है
आँखों में मेरे बस तेरी ही प्यास है
सूने सूने कितने मेरे ये ख्वाब हैं
तेरे बिना कितने अधूरे हम आज हैं
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