वादा था मिलने का
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
सोचा था कुछ पल तेरे संग बीतेंगे
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
एहसास था पहले से ही मुझे
की तुम ना आओगे !
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
दीप जलाकर घर को सजाया था
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
महक तेरी सांसे भी जाये
रजनीगंधा के फूलों को
गुलदान में लगया था !
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
झर झर कर झर रहे थे
आँगन में पारिजात के पुष्प भी
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
पहनी थी हाथों में वो कांच की चूड़िया
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
पर अफ़सोस की तुम ना आये !
-विधू
thank u sir :)
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