Thursday, March 15, 2012

ना रूठो इतना !

ना रूठो इतना 
कि दूर हम हो जाये !
लोट के वापस 
कि हम ना आ पाए !
निगाहे इस कदर 
झुक ना जाये !
कि नजरे ही ख़ुद से 
नजर ना मिला पाए !
दिल टूटने की 
आवाज कहाँ आये !
टूट के दिल 
फिर जुड़ ना पाए !
राह मिलती राहों से 
मज़िलों से कही 
भटक ना जाये !
प्यास दिलों की 
दिलों से बुझे !
बात दिल की अब 
तुमसे कहे ना कहे !
तमन्ना दिलों की 
पूरी हो जाये ! 
मिले हम तुम कि 
कहानी अधूरी ना हो जाये !
ना रूठो इतना कि 
दूर हम हो जाये ! 
विधू 



2 comments:

  1. रूठो ना इतना कि दूर हम हो जाएँ...

    बहुत सुन्दर विधु जी..

    ReplyDelete