बोल ऐसे लिखूं की गीत बन जाये
सुर की सरिता का कोई संगीत बन जाये !
सुर की सरिता का कोई संगीत बन जाये !
हो कोई ऐसी ग़ज़ल जो दिल गुनगुनाये
बीच कीचड़ में जैसे कमल मुस्कराए !
गीत ऐसा हो जो हो सबके लिए हो
प्यार की चासनी में हो घोले हुए
प्यार के बोल हो सजाये हुए !
शब्द ऐसे हो सब आजमाए
परम्परा की ढपली सब जन बजाये
भीगे सभी उसमे ऐसी वर्षा लाये
सदा तक चले ऐसी रीत बने जाये
सुर की सरिता का कोई संगीत बन जाये !
बोल ऐसे लिखूं की गीत बन जाये !!
बोल ऐसे लिखूं की गीत बन जाये !!
बहुत बढ़िया-तुम में कुछ कर दिखाने का जज्बा है. मेरी समस्त शुभकामनाएं और आशीर्वाद.
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DeleteThank U very much sir !
DeleteAgar aap Jaise logon ka sath milta raha to ye jajba jarur rang layega !