क्या होता है जब कोई सपना टूट जाता है,
क्या होता है जब कोई अपना रूठ जाता है।
कोई टूटे सपने कोई फिर से सजा लेता है,
कोई रूठे हुए अपने को फिर से मना लेता है।
कोई सपने की तरह ही टूटकर बिखर जाता है ,
कोई रूठे हुए को रूठा ही छोड़ जाता है।
कोई भूलकर सब एक नया
ख्वाब आँखों में सजोने लगता है।
कोई अपनों को भूलकर
फिर से कोई नया रिश्ता बना लेता है।
ठोकर लगती है तो खुद उठकर संभल जाता है
संभलकर चलना हर कोई सीख जाता है।
सपना टूट जाने का मतलब ये नही होता
कि हम ही टूट गए है।
टूटे सपने को जो फिर से सजा ले
नई उम्मीदों को जो फिर से जग ले।
है मंजिल वही से जहाँ से इंसा
गिर कर फिर चलना सीख जाता है।
क्या होता है जब कोई अपना रूठ जाता है।
कोई टूटे सपने कोई फिर से सजा लेता है,
कोई रूठे हुए अपने को फिर से मना लेता है।
कोई सपने की तरह ही टूटकर बिखर जाता है ,
कोई रूठे हुए को रूठा ही छोड़ जाता है।
कोई भूलकर सब एक नया
ख्वाब आँखों में सजोने लगता है।
कोई अपनों को भूलकर
फिर से कोई नया रिश्ता बना लेता है।
ठोकर लगती है तो खुद उठकर संभल जाता है
संभलकर चलना हर कोई सीख जाता है।
सपना टूट जाने का मतलब ये नही होता
कि हम ही टूट गए है।
टूटे सपने को जो फिर से सजा ले
नई उम्मीदों को जो फिर से जग ले।
है मंजिल वही से जहाँ से इंसा
गिर कर फिर चलना सीख जाता है।