Sunday, January 29, 2012

कभी आते है वो!

कभी आते है वो,
 

आँखों में एक ख्वाब बनके !
 

कभी हकीकत है ,
 

कभी राज बनके !
 

कभी बोल पड़ते है
 

वो गीतों में मेरे
 

कभी लफ्ज़ बनके !
 

कभी कोई सुर
 

तो कभी कोई तान बनके !
 

चलते है अक्सर
 

वो साथ मेरे
 

कभी परछाई बनके !
 

कभी साया,
 

तो कभी हम राह बनके !
 

कभी आते है वो,
 

आँखों में एक ख्वाब बनके  !

Friday, January 27, 2012

कल इनको सोचूंगी

कल इनको सोचूंगी ,
कल इनमे खुद को पाऊँगी !
बीते हुए लम्हों को,

मै न भूल पाऊँगी !
कुछ तेरी यादें हैं ,

कुछ तेरी बातें हैं !
तेरी इन बातों को,

दिल में सजौंगी !
तेरे संग जीना हैं ,

तेरे लिए मरना हैं ,
तेरी इस दुनिया में,

प्यार बसौंगी !
तेरी लिए खुशियाँ  हों ,

प्यार भरी दुनिया हो !
तेरी इस दुनिया को,

गीतों में सजौंगी !
कल इनको सोचूंगी ,
कल इनमे खुद को पाऊँगी !
बीते हुए लम्हों को मै न भूल पाऊँगी !

Tuesday, January 10, 2012

तुम ना होते अगर...

तुम ना होते अगर...
हम ना होते अगर...
प्यार होता भी ना...
दिल भी खोता भी ना.......
नींद उडती भी ना
चैन छिनता भी ना
याद आती भी ना
जान जाती भी ना
दर्द होता भी ना
सहना पड़ता भी ना
नैना मिलते भी ना
बात होती भी ना
 राहें मिलती भी ना
एक होती भी ना
चुप चुप अक्सर अकेले
में हम यूँ ना रोते सनम
लफ्ज़ होते अगर
बोल देते सनम
तुम ना होते अगर...
हम ना होते अगर...
प्यार होता भी ना...
दिल ये खोता भी ना.......

Thursday, January 5, 2012

बोल ऐसे लिखूं!


बोल ऐसे लिखूं की गीत बन जाये 

सुर की सरिता का कोई संगीत बन जाये !

हो कोई ऐसी ग़ज़ल जो दिल गुनगुनाये 

बीच कीचड़ में जैसे कमल मुस्कराए !

ना तेरे लिए ना हो मेरे लिए हो

गीत ऐसा हो जो हो सबके लिए हो

प्यार की चासनी में हो घोले हुए 

प्यार के बोल हो सजाये हुए !

शब्द ऐसे हो सब आजमाए 

परम्परा की ढपली सब जन बजाये 

भीगे सभी उसमे ऐसी वर्षा लाये 

सदा तक चले ऐसी रीत बने जाये

सुर की सरिता का कोई संगीत बन जाये !

बोल ऐसे लिखूं की गीत बन जाये !!


कुछ पुरानी सी बातें है

कुछ पुरानी  सी बातें है  ,
कुछ भूली बिसरी सी यादें हैं !
कुछ आये है कुछ चले गए
कुछ यादों की चादर छोड़ गए हैं !
कुछ याद कराये बचपन की ,
कुछ सबक दिलाये जीवन की
कुछ लाये आँखों मे आंसू
कुछ खुशियों में और
कुछ दर्द से लिपटी हैं !
कुछ कागज की कटी पतंग सी
कुछ तितली के सुन्दर रंग सी
कुछ बिखरी यहाँ ओंस की बूंदे
कुछ कलकल करते झरने सी
कुछ फूलों सी मुरझाई ,
कुछ कलिओं सी शरमाई
कुछ भीगी हुई चासनी में
कुछ मिर्ची सी तीखी
कुछ पुरानी  सी बातें है  ,
कुछ भूली बिसरी सी यादें हैं !